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भगवान श्री राम प्रसंग से हम जीवन जीने की कला सीख सकते हैं, मुनि श्री विनत सागर,

एडिटर/संपादक तनीश गुप्ता

खंडवा ।। साधु संत-फिरते तीर्थ समान होते हैं, 4 महीने तक दादाजी की खंडवा नगरी में आचार्य विनत सागर महाराज के परम शिष्य मुनि श्री विनत सागर महाराज और विश्वमीत सागर महाराज जी ने अलग-अलग आश्रमों के माध्यम से धर्म की प्रभावना और सामाजिक बंध्याओ और विद्यार्थियों के मन में धर्म के प्रति प्रेम मुक्ति कर निद के लिए विहार किया, म. खंडवा नगर में पहली बार 48वें दिव्य भक्तांबर शिविर का भव्य आयोजन हुआ, विहार के एक दिन पूर्व जैन मंदिर में भव्य पिच्छी सभ्यता कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में वैष्णवों ने दर्शन दिए, शुक्रवार को बजरंग चौक स्थित महावीर दिगंबर जैन मंदिर में प्रवचन के बाद मुनि संघ का विहार हुआ, मुनि संघ रविवार को बरुद ग्राम पहुंचा, बरुद में मुनि श्री विनत सागर महाराज ने कहा कि बड़े पुण्य कर्म से हमें जीवन मिलता है। हमें अपने जीवन का कुछ समय देव, शास्त्र, गुरु के चरणों में निर्वाण करना चाहिए, ताकि हमारा यह जीवन सफल हो सके, जीवन कला हम भगवान श्री राम के प्रसंगों से सीख सकते हैं, भगवान श्री राम एक प्रसंग है जिसे हमने जीवन में धारण कर लिया तो हमारा मनुष्य भाव सफल हो जाएगा, समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि मुनिश्री ने भक्त को छोड़ दिया था हनुमान जी का उदाहरण भी प्रस्तुत किया, ग्राम बरुड़ में मुनि संध के ग्रामवासियों ने स्वागत किया, मुनि संध आधरच्य प्रतीक पवन गढ़िया एवं गौरव रत्न प्रकाश गढ़िया परिवार के यहां पुजारी हुए, बरूद से मुनिसंघ दो विहार कर रात्रि विश्राम के लिए ग्राम पुनासला पहुंच, सोमवार को मुनिसंघ विहार भीकन गांव पहुंचेगा,

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